PM Street Vendors Loan Yojana (पीएम स्वनिधि योजना) : पुनर्गठन और विस्तार

"प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना से लाभान्वित होते व्यापारी, डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा"
PM Street Vendors Loan Yojana

नई दिल्ली, 27 अगस्त – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के छोटे व्यापारियों और रेहड़ी-पटरी वालों को राहत और मजबूती देने वाली PM Street Vendors Loan Yojana (पीएम स्वनिधि योजना) : पुनर्गठन और विस्तार (पीएम स्वनिधि) योजना के पुनर्गठन और विस्तार को मंजूरी प्रदान की है। अब इस योजना का दायरा और बड़ा कर दिया गया है, ताकि अधिक से अधिक Street Vendors (रेहड़ी, ठेला, खोमचा लगाने वाले व्यापारी) लाभान्वित हो सकें। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में 1.15 करोड़ लाभार्थियों को इस योजना के तहत जोड़ा जाए, जिसमें से 50 लाख नए वेंडर होंगे।

योजना की पृष्ठभूमि

कोविड-19 महामारी के समय Street Vendors की आजीविका पर गहरा संकट आया। ऐसे में वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी ताकि उन्हें आसान ऋण उपलब्ध कराया जा सके और वे दोबारा अपने कारोबार को खड़ा कर सकें। शुरुआत में योजना का मकसद छोटे ऋणों के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था, लेकिन समय के साथ यह सिर्फ एक लोन स्कीम न रहकर डिजिटल और वित्तीय सशक्तिकरण का अभियान बन गई।

 

PM Street Vendors Loan Yojana योजना का संचालन और जिम्मेदारी

इस योजना को दो बड़े विभाग मिलकर लागू करेंगे –

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) – जो शहरी स्तर पर इसका संचालन और निगरानी करेगा।

वित्तीय सेवा विभाग (DFS) – जो बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से ऋण और RuPay क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा।

पुनर्गठन के बाद नई विशेषताएँ

. "पीएम स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी और छोटे दुकानदारों को ऋण, RuPay क्रेडिट कार्ड और डिजिटल कैशबैक सुविधा"

पुनर्गठित PM Svanidhi Yojana में पहले से ज्यादा आकर्षक और लाभकारी सुविधाएँ जोड़ी गई हैं। इनमें प्रमुख हैं –

1. बढ़ी हुई ऋण राशि – पहले और दूसरे चरण में मिलने वाले लोन की राशि अब बढ़ा दी जाएगी, जिससे वेंडर अपने कारोबार को और बेहतर तरीके से बढ़ा सकेंगे।

2. RuPay क्रेडिट कार्ड की सुविधा – जो लाभार्थी अपना दूसरा ऋण चुका देंगे, उन्हें UPI से जुड़े RuPay क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे छोटे व्यापारी भी डिजिटल पेमेंट सिस्टम का हिस्सा बन सकेंगे।

3. डिजिटल कैशबैक प्रोत्साहन – जो लाभार्थी डिजिटल ट्रांजैक्शन करेंगे, उन्हें कैशबैक दिया जाएगा। इससे न केवल उनकी कमाई बढ़ेगी बल्कि डिजिटल भुगतान की आदत भी विकसित होगी।

4. योजना का विस्तार – पहले यह योजना केवल वैधानिक कस्बों तक सीमित थी, लेकिन अब इसे जनगणना कस्बों और अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक बढ़ाया जाएगा। इसका मतलब है कि अब छोटे कस्बों और टाउन एरिया के वेंडर भी इसका लाभ उठा पाएंगे।

 

अब तक की उपलब्धियाँ

PM Svanidhi Yojana ने पहले ही बहुत बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कर ली हैं।

30 जुलाई 2025 तक 68 लाख से अधिक वेंडर लाभान्वित हो चुके हैं।

अब तक उन्हें 96 लाख से अधिक ऋण वितरित किए जा चुके हैं।

लगभग 47 लाख लाभार्थी डिजिटल रूप से सक्रिय हैं।

उन्होंने अब तक 557 करोड़ से ज्यादा डिजिटल लेनदेन किए हैं, जिनका कुल मूल्य 6.09 लाख करोड़ रुपये है।

इन लेनदेन पर वेंडरों को अब तक 241 करोड़ रुपये का कैशबैक भी मिल चुका है।

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राष्ट्रीय मान्यता और पुरस्कार

इस योजना की सफलता को राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिली है। वर्ष 2023 में इसे लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार (Innovation – Central Level) से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार इस योजना के उस योगदान को मान्यता देता है, जिसके माध्यम से –

स्ट्रीट वेंडरों की आजीविका को सुरक्षित किया गया,

देश में वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को आगे बढ़ाया गया,

और डिजिटल इंडिया को मजबूत किया गया।

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PM Street Vendors Loan Yojana का महत्व

यह योजना सिर्फ एक लोन स्कीम नहीं है, बल्कि छोटे व्यापारियों के जीवन में स्थिरता और सम्मान दिलाने का एक माध्यम है।

इससे वेंडरों को अपना कारोबार बढ़ाने का अवसर मिलता है।

वे बैंकों और औपचारिक वित्तीय संस्थाओं से जुड़ते हैं।

डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करने से वे आधुनिक व्यापार प्रणाली का हिस्सा बनते हैं।

इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होती है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है।

PM Svanidhi Yojana का यह पुनर्गठन और विस्तार, छोटे व्यापारियों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए नई उम्मीद है। सरकार का उद्देश्य है कि सशक्त वेंडर → आत्मनिर्भर परिवार → मजबूत समाज → समृद्ध भारत की परिकल्पना को साकार किया जाए।