खबर हेडलाइंन:
MSU कार्यालय से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए , श्री अविनाश भारद्वाज एवं विद्या भूषण राय ने कहा कि – आखिरकार सत्य की जीत हुई। भ्रष्टाचारियों के सारे खेल को हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए सत्य की जीत हुई। यह सत्ता पर बैठे हुए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने भ्रष्टाचार के बल पर , तानाशाही के बल पर जिला परिषद को ध्वस्त कर दिया हैं। यह लोग पैसा सता एवं प्रशासन के बल पर क्रांतिकारी को जेल में बन्द कराने का काम किया है , लेकिन माननीय उच्च न्यायालय ने सत्यता पर मुहर लगा दी। यह भ्रष्टाचारी अध्यक्ष – उपाध्यक्ष ने अविश्वास से घबराकर इनलोगो को चुनाव तक जेल में ठूसने की नियति थी। अनेकों प्रकार के साजिश को नाकाम करके यह जीत हुई हैं। जिला परिषद सदन में अपने अधिकार , क्षेत्र की समस्या को लेकर आवाज बुलंद किया था। 12 सितम्बर 23 को संध्या 7 बजे लहेरियासराय थाना ने हिरासत में ले लिया था । थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज की। जिसमें स्वतंत्र कुमार झा, अमित कुमार ठाकुर समेत 17 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया। इनमें दो पार्षदों को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। तमाम साजिश बेनकाब हुई और तारीख 12 जनवरी को होने वाले चुनाव में सहभागी बनेंगे । भ्रष्टाचार के इरादे को नेस्तनाबूद कर देंगे। आक्रमक होकर भ्रष्टाचार की लड़ाई लगेंगे । विदित हो कि – भ्रष्टाचारी के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हैं? क्या असंवैधानिक कार्य करने वाले जिप अध्यक्ष – उपाध्यक्ष के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह है? क्या जिप सदस्य के बीच समानुपातिक राशि बंटवारे की मांग करना गुनाह है ? योजनाओं में 40% कमीशनखोरी के खिलाफ आवाज उठना गुनाह हैं ? सबसे बड़ा प्रश्न यह हैं कि : जब 5 करोड़ की विकासीय राशि आवंटित होती हैं, तो आपके क्षेत्र के जिला परिषद को मात्र 10 लाख की राशि मिलती हैं। जो कि अत्यंत अन्यायपूर्ण , अलोकतांत्रिक हैं। जिसका विरोध आपके क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य किया , ताकि राशि का समानुपातिक बंटवारा हो और क्षेत्र का समुचित विकास हो। यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी ।