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नारी अध्ययन विभाग मगध विश्वविद्यालय बोधगया में एकदिवसीय विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका शीर्षक “स्त्री छवि और सुंदरता के प्रतिमान” था! इस विशिष्ट व्याख्यान को देने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय की सह प्राध्यापिका डॉक्टर किंगसन सिंह पटेल आई हुई थी! कार्यक्रम का आयोजन नई अध्ययन विभाग के प्रभारी डॉ कुमारी दीपा रानी के द्वारा किया गया! कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ निभा सिंह ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत नारी अध्ययन विभाग की प्रभारी के द्वारा स्वागत भाषण से हुआ इसके उपरांत दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम को आगे ले जाया गया l डॉक्टर पटेल ने अपने वक्तव्य में जॉन स्टुअर्ट मिल, निवेदिता मेनन इत्यादि के कार्यो प र चर्चा की गयी । स्त्रियां स्वयं अपने बारे में अपनी कहानी लिखे। स्त्री की सकारात्मक और नकारात्मक छवियों पर चर्चा की। मनुष्य जगत में स्त्री विभेद पशु जगत के माध्यम से समझाया गया । असामनता एक निश्चित ऐतिहासिक प्रक्रिया में निर्मित किया गया है। व्यक्ति के कार्यो के आधार पर उसके गुणों का निर्माण हुआ फिर उसमे उच्चतम और निम्नतम गुण निर्धारित किये गए। जैसे ी घरेलु कार्य को कम आँका गया। महिलाओं का पढ़ना बाध्यकारी रहा ताकि वह शिक्षित पतियों की शोभा बढाए या उनके साथ उठने बैठने लायक बन सके। औरत की शरीर की सुंदरता की अवधारणा परिवेश के हिसाब से निर्धारित किया गया । जैसे की गाँव में मोटी लड़की और शहरों में दुबली लड़की शारीरिक और मानसिक श्रम के कसौटी पर सुन्दर मानी गयी। वैभव एवं सौंदर्य की धारणाये महिलाओं पर आरोपित की गई। डॉक्टर पटेल ने कहा की एस्थेटिक या सौंदर्य की अभिलाषा एक मानवीय इक्छा है। ये स्त्री और पुरुष में एक सामान है, जैसे की माइकल जैक्सन द्वारा किये गई प्रयास । बाजार के भी कुछ निर्मित मांगे है, जैसे की एंटरटेनमेंट सेक्टर में सुंदरता की आवश्यकता। मीडिया में महिलाओ को देख कर आम औरतों के प्रतिमानन बनाये जाते है। पितृसत्तामक की अवधारणा पुरुषों एवं महिलाओ दोनों के लिए हानिकारक है। विभिन्न विज्ञापनों में स्त्रीयो के ओब्जेक्टिफिकेशन पर बात की गयी। मीडिया सौंदर्य की अवधारणा को अप्राकृतिक रूप से पेश कर रहा अथवा बेच रहा । सौंदर्य की अवधारणा जीवंतता, स्वास्थ्य और गुण पर निर्भर करता है , किसी दूसरे के निर्मित प्रतिमान पर नहीं।
मंच का संचालन स्नातकोत्तर श्रम एवं समाज कल्याण की सहायक अध्यापिका डॉक्टर वंदना कुमारी ने किया. धन्यवाद ज्ञापन प्रभारी डॉक्टर कुमारी दीपा रानी ने किया l इस कार्यक्रम में प्रोफेसर गौतम, डॉक्टर जावेद अंजुम, प्रोफेसर डॉ शाहिद रिजवी, डॉ संजय, डॉ. शैलेंद्र सिंह, डॉ दिव्या मिश्रा, डॉ प्रियंका सिंह, डॉ श्रद्धा ऋषि , डॉ वंदना डॉ मुनेश्वर, डॉ परम प्रकाश राय डॉ राहुल डॉ चांदनी रोशन प्रोफ अबू लैश, डॉ रीमा, समस्त छात्र एवं शोधार्थी उपस्थित रहे l